संजय द्विवेदी बैतूल
बैतूल। शहर के उपनगरीय क्षेत्र रामनगर में 3 दिन पहले हुई आबकारी हमाल की हत्या का आज बैतूल गंज पुलिस ने खुलासा कर दिया है। हमाल की हत्या मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी ने गला रेतकर कर दी थी।
हमाल की लाश बीते 27 दिसंबर को उसी के घर के पास खून से सनी हालत में मिली थी। पुलिस ने इस हत्या के मामले में मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक बैतूल सिमाला प्रसाद ने आज इस मामले का खुलासा पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में किया। एसपी के मुताबिक 27 दिसंबर की दरम्यानी रात को सूचना प्राप्त हुई कि ढीमर मोहल्ला रामनगर क्षेत्र में किसी व्यक्ति की गला काटकर हत्या की गई है। सूचना पर पुलिस बल रवाना होकर मौके पर पहुंचा।
जहां फरियादी संजू बोरवार पिता शंकर बोरबार (34 वर्ष) निवासी ढीमर मोहल्ला रामनगर गंज बैतूल द्वारा रिपोर्ट की गई कि उसके बड़े भाई दिलीप बोरवार पिता शंकर बोरवार (38) साल निवासी ढीमर मोहल्ला रामनगर गंज बैतूल की ढीमर मोहल्ला स्थित मैदान (प्लाट) में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा गला काटकर हत्या कर दी है। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना गंज बैतूल में अपराध क्र . 543/22 धारा 302 IPC का कायम कर जांच में लिया गया।

अवैध संबंधों को लेकर पत्नी व प्रेमी ने किया कत्ल-
एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि मृतक दिलीप बोरवार के घर रेलवे हमाल मोती खड़िया (27) का आना जाना था। इस दौरान मोती का मृतक के पत्नी रानू उर्फ दुर्गा से अवैध संबंध बन गए। इन संबंधों की भनक मृतक दिलीप को लग गई थी। जिसे लेकर पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा होता रहता था। पति-पत्नी और वो के इस झगड़े में दिलीप कई बार पत्नी की पिटाई भी कर चुका था। घटना वाले दिन दिलीप ने मोती को अपने घर में पत्नी के साथ देख लिया था। जिसके बाद दोनो में झगड़ा शुरू हो गया। यह झगड़ा इतना बढ़ा कि दोनों लड़ते हुए घर के पास मैदान तक आ गए। यहां मोती ने झगड़े के दौरान ही दिलीप की गला रेतकर हत्या कर दी और भाग निकला।

घर न लौटने का रचा नाटक –
दिलीप की हत्या के बाद रानू और मोती ने दिलीप की खून से सनी लाश मैदान में ही छोड़ दी। मोती ने रानू को यह कहकर घर रवाना किया कि वह आधा घंटे बाद घर जाकर नाटक करें कि दिलीप अब तक घर नहीं आया है। जिसके बाद वह दिलीप के भाई संजू के पास पहुंची और उसे बताया कि रात बहुत हो गई है लेकिन दिलीप अब तक घर नहीं लौटा है। रानू की बात का भरोसा कर संजू जब दिलीप को ढूंढने निकला तो उसकी लाश घर के पास ही मैदान में पड़ी थी। जिसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी।
ऐसे हुआ खुलासा-
पुलिस ने इस हत्या के बाद एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू की तो कई तथ्य सामने आए। इलाके के सीसीटीवी फुटेज देखे गए। जिससे यह साफ हो गया की इलाके में कोई बाहरी व्यक्ति नही आया था। रानू और मोती के संबंधों की जानकारी भी पुलिस को मिली। जिसके बाद मोती की लोकेशन खंगाली गई तो वह भी मृतक के पास ही मिली।जिसके बाद की गई सख्त पूछताछ में मोती ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। पुलिस ने उसके पास से हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद कर लिया है।
इनकी रही सराहनीय भूमिका-
उपरोक्त कार्यवाही में गंज थाना निरीक्षक ए.बी. मर्सकोले, निरीक्षक दीपक पाराशर, निरीक्षक अनुराग प्रकाश, निरीक्षक रत्नाकर हिंगवे, उपनिरीक्षक संदीप परतेती, उपनिरीक्षक छत्रपाल धुर्वे, उपनिरीक्षक रवि शाक्य, सहायक उपनिरीक्षक मेघराज लोहिया, प्रधान आरक्षक 79 मयूर, प्रधान आरक्षक 351 संदीप इमना, प्रधान आरक्षक 422 हितूलाल, आरक्षक-56 नितीन चौहान, आरक्षक 633 कमलेश, प्रधान आरक्षक 354 भारती राजपुत, आरक्षक 658 अमृता, सैनिक 195 अमित, सैनिक 46 महेन्द्र, सैनिक 48 नितिन, सैनिक 175 शुभम, सैनिक 133 बंडु दरबई तथा सायबर सेल आरक्षक 147 राजेन्द्र धाडसे, आरक्षक 236 बलराम की सराहनीय भूमिका रही।
अब हो रहा पछतावा-
मृतक की पत्नी रानू को अब पति की हत्या पर पछतावा है। उसने कहा कि मृतक अक्सर उससे झगड़ा करता रहता था। उस दिन भी गलत बात पर झगड़ा हुआ था। उसकी हत्या का मुझे दुख है। मृतक और रानू के 2 बच्चे भी है।
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