मूलताई,- पवित्र नगरी मुलताई का अपना धार्मिक और पौराणिक महत्व रहा है इस पवित्र नगरी की पहचान नगर के कुंड, मठ, मंदिर है किंतु अफसोस नगर की पहचान सांस्कृतिक प्राचीन धरोहर को संजोने के प्रयास कभी नहीं हुए।
हाल ही में संपूर्ण जिले में चलाए जाने वाले जल गंगा संवर्धन अभियान का प्रारंभ मुलताई नगर के ताप्ती तट से किया गया हालांकि जिस अभियान का प्रारंभ मुलताई के ताप्ती तट से किया गया इस अभियान में मुलताई के किसी कार्य को शामिल नहीं किया गया। इस बार संपूर्ण जिले के अधिकारियों और नेताओं का ध्यान प्राचीन ताप्ती मंदिर के समक्ष बने सूर्य कुंड पर गया।
जहां सभी ने मिलकर इस सूर्यकुंड के सफाई अभियान में जन भागीदारी निभाई, हालांकि नगर पालिका कर्मचारियों ने इसे पहले ही बहुत हद तक साफ कर दिया था किंतु कुंड के अंतिम दौड़ की सफाई जिले के प्रमुख नेता विधायक एवं अधिकारियों ने मुंह पर मास्क और हाथों में दस्ताने पहन के की और इस सफाई अभियान का उल्लेखनीय पहलू भी यही है।

मुंह पर मास्क हाथों में दस्ताने पहनक कर की सूर्य कुंड की सफाई
ताप्ती सरोवर निर्माण से पूर्व ताप्ती सात कुंडो से होकर बहा करती थी समय के साथ अधिकांश कुंड समाप्त हो गए ।वर्तमान में दिखाई देने वाले तीन कुंड जिसमें सूर्य कुंड, पाप कुंड और दान कुंड शेष है जो दिखाई देते हैं जिसमें सबसे प्रमुख प्राचीन ताप्ती मंदिर के समक्ष सूर्यकुंड है। हाल ही में जिले के सभी प्रमुख नेता अधिकारियों ने मिलकर इस सूर्य कुंड की सफाई की किंतु कुंड की हालत इतनी अधिक खराब थी कि इसके पास खड़े रहना कठिन था अधिकारियों और नेताओं ने इसे साफ करने के लिए हाथ में दस्ताने और मुंह पर मास्क लगाना पड़ा इसके बाद ही कुंड से निकलने वाले गाल के टोकनो को अपना हाथ लगाया।

प्राचीन कुंडो की दैनिक स्थिति क्यों..?
बड़ा प्रश्न यह है कि नागरिकों की आस्था का केंद्र यह प्राचीन धरोहर कुंडो की इतनी दयनीय स्थिति क्यों है इन कुंडों पर नेताओं और अधिकारियों का ध्यान कार्यक्रमों में औपचारिकता निभाने के लिए ही क्यों जाता है। वर्ष भर इस नगर की धरोहर को सजोने के प्रयास क्यों नहीं होते। आज अगर इन कुंडों की हालत बिगड़ रही है तो क्यों..? और इसके लिए जवाबदार कौन..? ताप्ती तट पर वर्ष में अनेको कार्यक्रम होते हैं जिसमें जिले और प्रदेश के अनेक राजनीतिक लोग धार्मिक आयोजनों में भाग लेते हैं आश्वासन दे जाते हैं ताप्ती से जुड़े विकास कार्य को महत्व दिया जाएगा कहा जाता है किंतु बीते 4 दशकों से ताप्ती को लेकर कोई ठोस योजना सामने नहीं आ पाई।

पूर्व विधायक पांसे ने दी थी राशि खर्च नहीं कर पाई नगर पालिका
ताप्ती श्री क्षेत्र के विकास में अब तक कम ही जनप्रतिनिधियों ने अपनी राशि का योगदान दिया है किंतु कुंड विकास के लिए जो राशि मिली नगर पालिका बीते 3 वर्षों में वह राशि भी पूरी तरह से खर्च नहीं कर पाई। पूर्व मंत्री एवं विधायक सुखदेव पांसे ने सूर्य कुंड के विकास के लिए विधायक निधि से लगभग 5 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की थी नगर पालिका ने इस सरोवर के ऊपर टीन सेट लगाकर मात्र दो या ढाई लाख रुपए खर्च किए और बाकी राशि कहां है इसकी जानकारी अभी तक किसी के पास नहीं है इसमें और कार्य करना था जो अब तक नहीं किए गए । चौंकाने वाला तथ्य यह है कि अपने आप को ताप्ती श्री क्षेत्र विकास के लिए वचनबद्ध बताने वाले लोगों ने एक बार भी जानने का प्रयास नहीं किया की जो राशि पूर्व विधायक पांसे से मिली थी उसका उपयोग हुआ है अथवा नहीं।
इनका कहना
पूर्व विधायक सुखदेव पांसे ने सूर्यकुंड सुधार के लिए 5 लाख रुपए दीए थे इसमें टीन सेट पर दो से ढाई लाख रुपए खर्च हुए विवाद के चलते शेष कार्य नहीं हो सके।
योगेश अनेराव
उप यंत्री नगर पालिका मुलताई