मुलताई- शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित आबादी के हितग्राहियों को स्वामित्व अभिलेख प्रदान किए जा रहे हैं किंतु मुलताई नगर के आबादी क्षेत्र लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
स्थानीय प्रशासन मुलताई नगर की प्रचलित आबादी की गलत की गई कार्यवाही को निरस्त कर स्वामित्व अभिलेख प्रदान करे और इस समस्या का स्थाई हल निकाले उक्त बात पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे ने जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौपने तहसील कार्यालय पहुंचे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनीता पटेल से कही पूर्व मंत्री ने एसडीएम को बताया कि इस संबंध में उन्होंने जब विधानसभा प्रश्न उठाया था मध्य प्रदेश शासन और राजस्व मंत्री ने स्वीकार किया था कि मुलताई नगरीय क्षेत्र की भूमि आबादी क्षेत्र में शामिल है किंतु इसके बावजूद भी नगर को आबादी क्षेत्र मानकर इसका लाभ नगर वासियों को नहीं मिल पा रहा है।
पूर्व मंत्री पांसे ने कहा राजस्व मंत्री के आश्वासन के बाद भी नगर वासियों को नहीं मिल रहा लाभ,
जिला कलेक्टर के नाम सौपे गए इस ज्ञापन में कहा गया है कि बैतूल जिले की ग्रामीण क्षेत्र की प्रचलित आबादी के 43500 हितग्राहियों को स्वामित्व अधिकार के अभिलेख प्रदान किये गये जिन्हें मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता के अनुसार पूर्व से ही स्वामित्व का अधिकार प्राप्त था। ठीक इसी तरह मुलताई नगर के प्रचलित आबादी खसरों में भी उनमें निवासरत नागरिकों को स्वामित्व अधिकार राजस्व संहिता देती है।
मुलताई के नागरिकों के लिए मैंने पूर्व में सड़क से विधान सभा तक लड़ाई लड़ कर भाजपा शासन को विधान सभा में दिनांक 10 मार्च 2022 को अपने तारांकित प्रश्न कमांक 1527 के माध्यम से प्रश्न पुछा था जिसमें तत्कालीन राजस्व मंत्री द्वारा मुलताई वासियों का स्वामित्व का अधिकार स्वीकारा गया था। विधान सभा प्रश्न की छायांकित प्रतिलिपि संलग्न है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एक योजना के तहत आवेदन भी बुला लिये गये थे लेकिन आवेदन बुलाने के बाद प्रशासन द्वारा स्वामित्व की प्रचलित आबादी से इंकार कर मनमानी कर विधि विरुद्ध प्रचलित आबादी में ही नजूल पट्टे लेने को नागरिकों को मजबूर कर रहा है। ज्ञापन सौंपने वालों में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य संजय यादव, कमल सोनी प्रहलाद ठाकुर, सुमित शिवहरे, शिवकुमार माहौरे, आशीष जैन, मो.जाकिर , रवि खाड़े, नितेश साहू आदि प्रमुख है।