बैतूल- मुलताई नगर के पत्रकार पर झूठी एफ आई आर दर्ज करने के मामले को लेकर जिले के पत्रकारो ने जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से भेंट कर अपना विरोध दर्ज कर ज्ञापन के माध्यम से खबर प्रकाशित करने पर सीएमओ मुलताई द्वारा षड्यंत्र कर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की जांच करने की मांग की
जिला कलेक्टर अमनबीर सिह बैंस, एवं पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी ने संपूर्ण मामले की जांच कराए जाने का विश्वास दिलाया है। सौपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि
मुलताई नगर पालिका अधिकारी नितिन कुमार बीजवे जोकि छिंदवाड़ा न्यूटन चीखली नगर पालिका मे अवैध खरीदी मामले में निलंबित होकर मुलताई नगर पालिका में पदस्थ हुए हैं। उनकी विवादास्पद कार्यप्रणाली की कर्मचारियों, पार्षदों जनप्रतिनिधि द्वारा अनेकों शिकायतें की गई विधानसभा मे प्रश्न भी उठे हैं।

नगरपालिका में आए दिन होने वाले विवाद और अनियमितताओं के समाचार जब कोई पत्रकार प्रकाशित करता है तो मुख्य नगरपालिका अधिकारी उन्हें नोटिस देकर दबाने का प्रयास करते हैं, झूठी शिकायत का एफ आई आर दर्ज कराने की धमकी देते हैं। अब तक अनेक कर्मचारियों जनप्रतिनिधियों के खिलाफ थाने में शिकायत कर चुके हैं पत्रकारों को नोटिस दे चुके हैं।

हाल ही पत्रकार असलम अहमद द्वारा जनहित में यह समाचार प्रकाशित किया कि नगर के 50 से अधिक टैंकर सीधे वाल से बगैर लागत के खाली किए जाते हैं किंतु नगरपालिका के टैंकर डीजल पंप लगाकर यही कार्य लाखों रुपए डीजल पर खर्च कर रही है इस संबंध में पत्रकार असलम अहमद द्वारा नितिन कुमार बीजवे के ऑफिस में भेंट कर उनसे यह जानने का प्रयास किया कि नगरपालिका के पानी के टैंकर एमपी 48 एच 1248 जोकि साधारण वाल लगाकर मुफ्त में खाली किया जा सकता है

तो उस पर डीजल पंप लगाकर लाखों रुपए खर्च क्यों किए जा रहा हैं उनका कथन था की हम यह समय बचाने के लिए करते हैं और इसकी पुष्टि आप अंबेडकर टांके पर जाकर कर सकते हैं। नगर पालिका अधिकारी ने इस संबंध में टैंकर चालक मनोज झरबड़े को बताया कि पत्रकार को टैंकर के संबंध में जानकारी दें मै इन्हें भेज रहा हूं। इस कथन की पुष्टि नगर पालिका अधिकारी के चेंबर में लगे सीसीटीवी कैमरे से हो सकती है । पत्रकार असलम अहमद जब सीएमओ के कहने पर टांके पर जाकर टैंकर संबंध में चालक से जानकारी ली यह देखा कि टैंकर कितनी देर में खाली होता है तो इस दौरान कर्मचारी से किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं हुआ। पत्रकार ने जानकारी के बाद 17 अप्रैल की शाम की इस घटना का उल्लेख 18 अप्रैल के समाचार पत्र में प्रकाशित किया जिसमें संपूर्ण मामले का उल्लेख है।

किंतु आर्थिक अनियमितता के इस मामले से परेशान हुए मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने कर्मचारी पर दबाव बनाकर कर्मचारी से मिलकर षड्यंत्र कर झूठे आधारों पर शासकीय कार्य में बाधा डालने की की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई। पत्रकार असलम द्वारा बिजवे के कार्यकाल के जनहित में 50 से भी अधिक समाचार प्रकाशित किए गए गए हैं जिसके कारण बदला लेने लेने की भावना से यह कदम उठाया गया है । जब पत्रकार द्वारा जनता एवं शासकीय धनराशि के दुरुपयोग की शिकायत संबंध में समाचार प्रकाशित करते हैं तो अधिकारी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारों की आवाज को दबाने का प्रयास करते हैं। समस्त पत्रकार मुख्य नगरपालिका अधिकारी के उक्त कृत्य की निंदा करते हैं और पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग करते हैं। ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर्ताओं में पत्रकार रामकिशोर पवार ,इरशाद हिंदुस्तानी, लक्ष्मी नारायण साहू, रिशु नायडू, सत्येंद्र परिहार, आनंद सोनी, शैलेंद्र आर्य ,संजय द्विवेदी, मनोज देशमुख, अरुण सूर्यवंशी, संजय शुक्ला, अकील अहमद, रुपेश मंसूरे, वाजिद खान, अमित पवार, संतोष भलावी, उमेश्वर ठाकरे ,अनीश नायर, कुलदीप पहाड़ , राजेश खडसे ,राकेश अग्रवाल, राजू पाटनकर, राजू धोटे, राहुल नागले, मोहित पवार, राज मालवीय ,सूर्यदीप त्रिवेदी, रामचरण मालवीय, इनशा पटेल, सलमान शाह आदि प्रमुख है।