नपा की बेहिसाब खरीदी के दिखने लगे परिणाम,साल भर से सेवानिवृत्त राशि के लिए भटक रहा कर्मचारी

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मुलताई- नगर पालिका द्वारा बीते वर्ष में की गई बेहिसाब खरीदी के परिणाम अब दिखने लगे हैं नतीजा यह की मुलताई नगर पालिका इन दिनों आर्थिक कठिनाई के दौर से गुजर रही है। कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी अपनी राशि के लिए सालभर से भटकना रहे है।

शासन के नियम है कि सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को समय सीमा में उनकी राशि मिल जाना चाहिए ताकि वह अपनी आजीविका के साधन जुटा सके किंतु वर्तमान समय में नगर पालिका में नियम खोजना बेईमानी होते जा रहा हैं। इसका उदाहरण साल भर से अपने अवकाश नकदीकरण की राशि के लिए भटक रहे पारस परशुराम माहोर है । जो नगर पालिका में अपने 43 वर्ष की सेवाएं देने के बाद जनवरी 2022 में सहायक राजस्व निरीक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए। तब से अब तक पूरे 1 वर्ष से वह नगरपालिका के चक्कर लगा रहे है किंतु उन्हें अपनी 4 लाख रुपए की अवकाश नकदीकरण की राशि नहीं मिली ।

पारस माहोरे बताते हैं कि बीते 1 वर्ष में मैं अनेकों बार नगरपालिका अधिकारी को अपनी समस्या से अवगत कराता रहा उन्हें बताता रहा आवेदन करता रहा किंतु  कोई हल नहीं निकला और ना ही मुझे संतोषजनक उत्तर ही मिल सका। मुझे  नगरपालिका अधिकारी ने पैसे नहीं है कहकर 4 लाख रुपए में से मात्र 50 -50 हजार  अलग-अलग किस्तों में अब तक 2 लाख रुपए दिए और 2 लाख अब भी शेष है। जो राशि टुकड़ों में मुझे दी गई उसका कोई उपयोग नहीं हो सका वह खर्च हो गए अगर मुझे समय पर यह राशि मिल जाती तो मैं इस राशि का  इन्वेस्ट कर सकता था। ताकि मुझे मासिक आय हो सके अगर यह राशि मैं बैंक में भी रखता तो मुझे उसका ब्याज मिलता। अपनी ही राशि के लिए 1 साल भटकने के बाद में जब नगर पालिका अधिकारी से बात करो तो वह पैसे देना तो दूर ठीक तरह से बात भी नहीं करते जबकि मैं ने 43 वर्ष इसी संस्था में अपनी सेवाएं दी है।

कहां गया नग रपालिका का पैसा दोषी कौन

नगर पालिका के जानकार बताते हैं कि मुलताई नगर पालिका अत्यंत प्राचीन प्रदेश की नंबर वन रैंकिंग की बड़ी नगरपालिका है। ऐसा क्या हुआ कि आज इस नगर पालिका के पास कर्मचारियों को देने के लिए वेतन नहीं है ठेकेदार के भुगतान के लिए पैसा नहीं है सीवर लाइन का काम अधर में लटका गया है सीवर लाइन प्रोजेक्ट की राशि कहीं और खर्च कर दी गई है। विधायक सुखदेव पांसे को मंच से कहना पड़ा कि ताप्ती के काम में तो इमानदारी रखो। सेवानिवृत्त कर्मचारी अपनी राशि के लिए भटक रहे हैं। सीवर लाइन प्रोजेक्ट की खोदी गई सड़कें नागरिकों और जनप्रतिनिधियों को मुंह चिड़ाती प्रतीत होती है।

दूसरी ओर बीते वर्ष नगरपालिका ने नागरिकों को से बेहिसाब कर की वसूली की दुकानों को ताले लगाए गए, भवनों को नीलामी का नोटिस दिया गया 500 रुपए के नलकर के लिए 10 -10 कर्मचारी आम व्यक्ति के घर पहुंचे, माइक में चिल्ला चिल्ला कर आम व्यक्ति के सम्मान तथा ध्यान नहीं रखा गया तो बड़ा प्रश्न यह है कि यह राशि कहां गई। पूर्व पार्षद हनी सरदार नगर की वर्तमान स्थिति के लिए नगर पालिका अधिकारी को दोषी बताते हुए कहते हैं कि जब बेहिसाब खरीदी का परिणाम है जो नगर पालिका और नगर की जनता दोनों भुगत रहे हैं। किंतु इसके लिए जिन कर्मचारियों ने अपना संपूर्ण जीवन नगर पालिका की सेवा में गुजार दिया उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए और जहां तक प्रश्न राशि कहां गई है इसका है तो परिषद गठन के पूर्व किए गए भुगतान की जांच की जानी चाहिए।


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