मुलताई- नगर में आवारा मवेशियों की समस्या निरंतर बढ़ती जा रही है। चौक-चौराहा हो या साप्ताहिक बाजार आवारा मवेशियों के चलते आम व्यक्ति का बाजार एवं सड़कों पर घूमना दूभर होते जा रहा है।
आवारा मवेशियों की रोकथाम हो सके इसके लिए नगर पालिका ने लगभग 3 लाख 75 हजार की लागत से काऊ केचर खरीदा है, किंतु यह भी शोपीस बनकर रह गया और नगरपालिका परिसर की सीमा से बाहर केंद्रीय विद्यालय के सामने जमीन मे आधा धसा दिखाई देता है। लोगों का मानना है कि यहां पड़े-पड़े काऊ केचर का भी हाल सांसद निधि के उस टैंकर के जैसा हो जाएगा जो कि उपयोग हुए बगैर ही कचरा खंती में सड़ गया। इधर दैनिक बाजार एवं नाका नंबर 1 पर आवारा मवेशियों का सबसे ज्यादा आतंक है। सब्जी व्यापारी रमेश भाऊ बताते हैं कि अपनी सब्जी को इन आवारा मवेशी से बचाना सब्जी व्यापारियों के लिए सबसे बड़ी समस्या बनते जा रहा है।

सब्जी खाने वाले सांडों को दुकान से भगाने में जान का जोखम तक होने लगा है, क्योंकि सांड व्यापारियों के होते भी सब्जी खाने लगते हैं और उन्हें भगाने पर वह हमला भी कर सकते हैं। रात में सड़कों पर घूमते आवारा मवेशियों के झुंड के चलते अनेकों बार दुर्घटनाएं हो गई है, अनेकों बार मवेशी जख्मी हो गए हैं। पन्नी खाने के चलते प्रतिवर्ष दर्जनों मवेशी जान से हाथ धो बैठते हैं। किंतु इसके बावजूद भी स्थानीय प्रशासन मवेशियों की रोकथाम के लिए खरीदी तो करता है।

किंतु आवारा मवेशियों के रोकथाम के ईमानदार प्रयास करते दिखाई नहीं देता। नगर पालिका ने लाखों रुपए खर्च कर बिरुल रोड पर कांजी हाउस निर्माण करवाया किंतु इसमें मवेशी पकड़कर कभी कैद नहीं की जाते नगर पालिका ने हाल ही में लगभग 3 लाख 75 हजार की लागत से काऊ केचर खरीदा है। किंतु इसका उपयोग भी इक्का-दुक्का बार फोटो खिंचवाने के लिए ही हुआ है। नागरिकों ने नगर में घूमते आवारा मवेशियों की रोकथाम की मांग की है।
इनका कहना
काऊ केचर उपयोग प्रतिदिन तो किया नहीं जा सकता सप्ताह में एकाद बार हो सकता है। फिर काऊ केचर के लिए ड्राइवर भी तो होना अभी न.पा के पास ड्राइवर नहीं है। मवेशियों की रोकथाम के प्रयास करेंगे।
नितिन कुमार बिजवे
मुख्य नगरपालिका अधिकारी मुलताई