मुलताई -क्षेत्र के ग्राम दुनावा में स्थित प्रसिद्ध राम मंदिर जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होकर आज बुधवार को रामकथा के साथ भव्य नवनिर्मित राम मंदिर में भगवान राम, लक्ष्मण एवं सीता की प्रतिमा का पूरी धार्मिक रीति रिवाज के साथ प्राण प्रतिष्ठा की गई।
मंदिर का कार्य पूर्ण होने के बाद राम मंदिर परिसर में सात दिवसीय संगीतमय राम कथा सत्संग का आयोजन किया गया था। राम कथा का प्रारंभ कलश यात्रा से हुआ जिसका आज समापन पंडित रामकिशोर शास्त्री द्वारा किया गया किया गया इस भव्य आयोजन में दुनावा सहित दर्जनों ग्राम के ग्रामीणों ने भाग लिया शोभायात्रा और भंडारा प्रसादी ग्रहण कर इस पवित्र दिन के साक्षी बने। इस अवसर पर श्री रामजी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए भव्य शोभा यात्रा निकाली गई ।
भगवान राम की शोभायात्रा दुनावा ग्राम के विभिन्न गलियों , मोहल्लो और ग्राम के सभी मंदिरों से होते हुए राम मंदिर पहुंची, जहां पं श्री राम किशोर शास्त्री द्वारा वैदिक मंत्रोंचार के साथ राम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की ।श्रद्धालु डीजे पर बज रहे भक्ति गीतों पर नृत्य करते हुए जय घोष कर रहे थे, कार्यक्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया इसमें आसपास के दर्जनों गांव से सैकड़ो महिलाओं पुरुषों और बच्चों ने प्रसाद ग्रहण किया।

200 वर्ष में दो बार हुआ मंदिर का जीर्णोद्धार ,
दुनावा में स्थित प्रसिद्ध राम मंदिर अत्यंत प्राचीन मंदिर माना जाता है प्राचीन मंदिर की स्थिति बिगड़ने के चलते इसके जीर्णोद्धार के लिए मंदिर से जुड़े श्रद्धालु आगे आए और जन सहयोग से श्री राम सेवा धर्मार्थ लोक न्यास ट्रस्ट के माध्यम से श्री राम मंदिर का दूसरी बार जीर्णोद्धार हुआ है।

ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने बताया कि इसके पहले 40 वर्ष पूर्व जीणोद्धार हुआ था। इस मंदिर के निर्माण में लगभग 70 लाख की लागत लग चुकी है और लगभग 10 लाख रुपए का कार्य और होना बाकी है।

राम नाम जपने से होता है सभी कष्टो का निवारण
कथा वाचक महंत सीताराम दास ने कहा कि प्रभु श्री राम की लीलाओं से प्रेरणा लेकर समाज की बुराइयों को दूर करना चाहिए, उन्होंने बताया कि राम नाम के जप से सभी कष्टो का निवारण होता है राम कथा श्रवण से अनेक जन्मों के पाप नष्ट होते हैं महंत जी ने कहा कि प्रभु राम ने हर लीला में धर्म की मर्यादा का पालन किया उन्होंने जीवन में संयम और सदाचार का महत्व समझाया शास्त्रों के अनुसार मर्यादा का पालन करने वाले को परमात्मा की प्राप्ति होती है।

कथा के सातों दिन कथा के अलावा भिन्न-भिन्न हवन पूजन धार्मिक कार्यक्रम चलते रहे जिसमें सैकड़ो श्रद्धालु महिला और पुरुष शामिल रहे। राम कथा के अंतिम दिन श्री राम प्राण प्रतिष्ठा और हवन पूजन, कन्या भोज, विशाल भंडारा एवं प्रसाद वितरण हुआ इसमें आजू-बाजू के गांव से सैकड़ो श्रद्धालु शामिल हुए।