मुलताई- हाल ही में पुलिस द्वारा पकड़ा गया चावल से भरा ट्रक क्रमांक mh40 बीएल 8559 का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। पुलिस द्वारा इस ट्रक को ड्राइवर द्वारा नशे में बगैर कागजात के गेहूं ले जाते हुए पकड़ा था जिसमें चावल संबंधित दस्तावेज नहीं पाए गए थे।
यह संदेह था कि ट्रक में पीडीएस का चावल भरा हुआ है। पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट में प्रकरण न्यायालय में सौपकर मामले का खात्मा कर दिया किंतु ट्रक में भरे चावल की जांच का क्या हुआ, ट्रक में भरे चावल पीडीएस के थे अथवा नहीं इसकी जांच किस स्तर पर की गई। व्यापारी द्वारा ट्रक पकड़ाने के 2 दिनों बाद तक चावल संबंधित दस्तावेज पुलिस को क्यों नहीं दिए गए थे। क्या उच्च अधिकारियों ने चावल के सैंपल लिए थे जांच सैंपल को बाहर भेजा गया था ताकि यह पता किया जा सके कि ट्रक में पीडीएस का चावल था

अथवा नहीं। बता दे कि मुलताई क्षेत्र गेहूं उत्पादक क्षेत्र नहीं है और जितनी बड़ी मात्रा में चावल पकड़ा गया था वह भी पुराना अगर इसे किसानों से खरीदा जाता तो उनकी संख्या हजारों में होती वह हजारों किसान कौन थे जिन्होंने व्यापारी को माल बेचा। इतनी बड़ी मात्रा में चावल व्यापारी के पास प्राप्त होने से क्या व्यापारी के गोडाउन एवं खरीदी पत्रको की जांच की गई ।क्या ट्रक का अधिकारियों ने नापतोल अपने स्तर पर करवाया है । क्या पंचना में बनाए गए। ऐसे अनेकों सवाल बाकी है जिसके जवाब आना बाकी है। क्योंकि यह मामला गरीबों को वितरण होने वाले चावल से जुड़ा है एक गंभीर मामला था इसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए थी किंतु संपूर्ण मामले में प्रशासन की गंभीरता नहीं दिखाई नहीं दी सभी ट्रक और चावल को जल्दी से जल्द व्यापारी को सौंप देने के जल्दी में दिखाई दिए।

मुलताई क्षेत्र में यह पहला मामला नहीं है जबकि पीडीएस के चावल होने के संदेह में पकड़ाया हो इससे पहले दो ट्रक पीडीएस चावल पकड़ाया है। और भी कुछ ही समय पूर्व मासोद में भी दो वाहनों को पकड़ा गया था जिसमें पीडीएस का चावल होने की संभावना थी किंतु वह मामला भी इसी मामले की तरह मोटर व्हीकल एक्ट का प्रकरण बनकर रह गया।

ट्रक पकड़ाने के 2 दिन बाद भी पुलिस को नहीं मिले थे चावल के दस्तावेज
2 दिनों तक व्यापारी एवं वाहन मालिक द्वारा गाड़ी में भरे चावल के संबंध में कोई दस्तावेज पुलिस को नहीं दिए गए थे जिसकी पुष्टि थाना प्रभारी सुनील लाटा ने पत्रकारों से की थी। तीसरे दिन पुलिस ने ट्रक मालिक एवं क्लीनर के विरुद्ध मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184 185,3/ 1815/180 न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी मुलताई के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने कहां की अभियुक्त गण के विरुद्ध अभी योजित अपराध को दृष्टिगत रखते हुए प्रकरण का निराकरण संक्षिप्त विचारण के द्वारा किया जाना उचित प्रतीत होता है। ट्रक क्लीनर जेनू कुमार एवं ट्रक मालिक दिनेश पवार ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और 20000 रुपए जुर्माने के बाद यह प्रकरण समाप्त हो गया। थाने में खड़ा चावल से वाहन छोड़ दिया गया ।