रोहित दुबे आमला
आमला-नेशनल हाइवे पंखा पर अवैध उत्खनन का मामला प्रकाश में आया है, जहा माइनिंग अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुचकर मुरुम का अवैध उत्खनन कर रही पोखलेण्ड मशीन और 1 डंफर को जप्त किया गया है।
पंखा से मुलताई हाइवे किनारे नागदेव मन्दिर के जलाशय के पीछे पिछले कई दिनों से पोखलेण्ड मशीन से मुरुम का उत्खनन कर मुरुम परिवहन किया जा रहा था। ग्रामीणों की शिकायतों के बाद मंगलवार दोपहर 3 बजे खनिज अधिकारियों की टीम जाच करने मौके पर पहुची।

जहा पर मुरुम खुदाई करते हुए सड़क ठेकेदार की 1 पोखलेण्ड मशीन और डंफर पाया गया हैं। जिसके बाद खनिज निरीक्षक भगवत नागवंशी द्वारा तालाब में खुदाई व परिवहन की अनुमति पूछने पर चालको द्वारा कोई दस्तावेज नही दिखाए गए। जिसके बाद डंफर व पोखलेण्ड की जप्ती के साथ 297 घनमीटर मुरुम उत्खनन का परिवहन बनाया गया।
ससुन्द्रा से बेलमण्डई सडक निर्माण में परिवहन हो रही थी मुरुम
गौरतलब होगा की रोजाना आधा दर्जन से अधिक डंफरो के माध्यम से मुरुम खुदाई कर ससुन्द्रा से बेलमण्डई तक निर्माण होने वाली सड़क के लिए मुरुम का परिवहन किया जा रहा था। खनिज अधिकारियों ने उत्खनन स्थल और निर्माण स्थल की खनिज सामग्री का मिलान भी किया।वही मौक़े पर सड़क ठेकेदार के लोगो से भी पूछताछ की गई।

पंचायत की मिलीभगत से चल रहा था अवैध उत्खनन
उल्लेखनीय होगा की सड़क निर्माण अम्बाडा ग्राम पंचायत के ग्राम बेलमण्डई से ससुन्द्रा तक किया जा रहा था। जिसमे ठेकेदार को ग्राम पंचायत द्वारा अनुमति दिए जाने की बात सामने आ रही है। पंचायत सचिव रूसिलाल यादव की भूमिका उत्खनन के मामले में संदिग्ध है, क्योंकि पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर पंचायत सचिव द्वारा तालाब गहरीकरण पंचायत के द्वारा करवाए जाने की बातकर गुमराह किया गया है। जबकि पंचायत द्वारा अगर तालाब गहरीकरन किया जाता तो पंचायत के मजदूरो के द्वारा करवाया जाता और मनरेगा अंतर्गत मजदूरों को रोजगार भी प्राप्त होता बारिश के मौसम गए हुए अभी कुछ ही दिन हुए ऐसे में तालाब गहरीकरण वह भी पोखलेण्ड मशीन व आधा दर्जन डंफरो के उपयोग से यह समझ के परे है खनिज अधिकारियों ने बताया ग्राम बेलमण्डई में भी अवैध खुदाई होते पाया गया है इससे स्पस्ट होता है की ग्राम पंचायत की मिलीभगत से सड़क ठेकेदार को लाभ दिया जा रहा था।