मुलताई- मुलताई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम शेरगढ़ में करोड़ों की लागत से बनाई गई बहुउद्देशीय वर्धा बांध के पानी का उपयोग निजी ब्लूबेरी कंपनी 400 एकड़ भूमि पर ब्लू बेरी उत्पादन के लिए कर रही है। ब्लूबेरी कंपनी वर्धा बांध के पानी का दोहन किस रफ्तार से कर रही है
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सलाईढ़ाना और हरदौली के बीच कप्पी क्षेत्र जहां बड़ी-बड़ी मोटर लगाकर कंपनी पानी ले रही है यह भाग अब लगभग सूख चुका है और जानकार बताते हैं कि कंपनी इसके आगे के भाग में मोटर डालने की योजना बना रही है। पहले ब्लूबेरी कंपनी वर्धा बांध के पानी का उपयोग अवैध रूप से कर रही थी। शिकायतों के बाद अब सिंचाई विभाग से अनुबंध किया तो अनुबंध से कई अधिक जल का उपयोग कर रही है।
दूसरी ओर बांध क्षेत्र के किसानों को पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। सिंचाई अधिकारियों और कंपनी के हौसलों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस संबंध में स्थानीय विधायक चंद्रशेखर देशमुख ने मुख्यमंत्री को पत्र लिकर ब्लूबेरी को पानी उपलब्ध कराने से ग्रामों में जल संकट उत्पन्न होने की आशंका जताई है तो वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष राजा पवार ने भी इस संबंध में जिला कलेक्टर एवं कमिश्नर को पत्र लिखा है किंतु उसके बावजूद भी ब्लूबेरी कंपनी बिना रोक-टोक बड़ी-बड़ी मशीन लगाकर वर्धा बांध से पानी ले रही है ।
किसानों से बेरुखी, कंपनी पर मेहरबान सिंचाई विभाग
वर्धा बांध क्षेत्र के ग्राम सलाईढ़ाना के किसान चंदन बरखाड़े, उदल बरखाड़े, जंगली कोडले, रामदास सूर्यवंशी एवं ग्राम कोडर के गुड्डू महाजन, मारुति बेले, श्रीराम बेले, लाल जी साहू, राहुल फरकाड़े, बताते हैं कि सिंचाई विभाग किसानों को पानी उपलब्ध कराने के बजाय ब्लूबेरी कंपनी को बिना नापतोल बगैर मीटर लगाए पानी उपलब्ध करा रहा है। कंपनी जहां से पानी ले रही थी वह भाग पूरा सूख गया है किंतु जब बात किसानों को पानी उपलब्ध कराने की होती है सिंचाई विभाग वर्धा नदी में पानी छोड़ कर बहां देते है लेकिन किसानों को उपलब्ध नहीं कराते इस वर्ष गेहूं की फसल के लिए किसानों को दो पानी की आवश्यकता थी किंतु किसान बांध के जिस क्षेत्र से पानी लेते थे वहां का पानी वर्धा नदी में छोड़ दिया।

8 साल बाद भी अधर में लटकी वर्धा परियोजना
मुलताई विधानसभा क्षेत्र के 102 ग्रामों को पेयजल उपलब्ध कराने और 5700 हेक्टर रकबे को संचित करने के उद्देश्य से ग्राम शेरगढ़ के पास वर्धा नदी पर 155 करोड़ की लागत से बनाई गई बहुउद्देशीय वर्धा सिंचाई परियोजना का भुमि पूजन हुए लगभग 9 वर्ष हो चुके हैं किंतु नव वर्ष बाद भी वर्धा परियोजना अधूरी है। जानकार बताते हैं कि समय सीमा में कार्य पूर्ण ना करने पर ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए था किंतु ठेकेदार और अधिकारियों की मिली भगत के चलते तरह-तरह के तथ्यहीन कारण बताकर ठेकेदार की समय सीमा बढ़ाई जाती रही है और नतीजा यह की इस योजना का संपूर्ण लाभ अब तक क्षेत्र को नहीं मिल रहा है। वर्धा बांध का पानी किसानों एवं पेयजल के लिए ग्रामों को उपलब्ध कराने की बजाय ब्लूबेरी कंपनी को देने और बगैर मॉनिटरिंग करें अनुबंध से अधिक पानी का उपयोग करने को लेकर सिंचाई अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। सिंचाई विभाग से किए गए अनुबंध से अधिक पानी का उपयोग ब्लूबेरी उत्पादन के लिए कर रही है। जिसके चलते 102 ग्रामों में जल संकट की स्थिति निर्मित होने की आशंका जताई जा रही है और इसको लेकर स्थानीय विधायक चंद्रशेखर देशमुख ने जहां मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष राजा पवार ने इसकी शिकायत जिला कलेक्टर को की है।
इनका कहना
ब्लूबेरी कंपनी के साथ जो अनुबंध हुआ है उसके हिसाब से ही वर्धा का पानी कंपनी ले रही है जहां तक किसान के बजाय कंपनी को पानी उपलब्ध कराने का सवाल है विभाग अभी वर्धा में पूरा पानी स्टोर नहीं कर रहा है। नेताओं ने जहां शिकायत या पत्र लिखा है तो सीएम से जांच अधिकारी आ जाएंगे तो जांच हो जाएगी।
मनोज चौहान एसडीओ जल संसाधन विभाग मुलताई
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