कड़ाके की ठंड मे उत्साह पूर्वक आगे बढ़ रहे हैं ताप्ती संपूर्ण परिक्रमा यात्री,

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यात्रा संयोजक राजू पाटनकर ने बताया कि कड़ाके की ठंड और मार्ग की कठिनाइयों को पार करते हुए संपूर्ण परिक्रमा पदयात्री तीन प्रदेश मध्य प्रदेश महाराष्ट्र और गुजरात मे 1800 किलोमीटर का सफर तय करेंगे । ताप्ती जल मार्ग पर बसे ग्राम एवं नगरों में यात्रियों का बहुत स्वागत किया जा रहा है यात्रियों के स्वागत में दीप प्रचलित किया जा रहे हैं घरों के सामने रंगोली से सजाया जा रहा है। कड़ाके की ठंड और अनेक मार्ग की कठिनाइय़ों के बावजूद यात्रियों में भारी उत्साह है। ताप्ती यात्रा जब भुसावल पहुंची इस दौरान यात्रियों का भव्य स्वागत किया गया यहां पहुंचकर ताप्ती यात्रियों ने ताप्ती एवं पूर्णा नदी संगम, मेंहुन आदिशक्ति मुक्ताआई के दर्शन पूजन कर मकरसंक्रांति पर्व मनाया, इसके उपरांत चिंचोल में सारंगधर महाराज के नेतृत्व में वारकरी गुरुकुल में सत्कार कर स्वल्पाहार करवाया वहां से ग्राम टाहकली में धानेश्वर महाजन एवं साथियों ने स्वागत सत्कार , स्वल्पाहार , ग्राम कटोरा में श्री हरि पाटिल, विकास पाटिल एवं ग्रामीणों ने ग्राम की सीमा पर आकर मृदंग , टाल , ढोलक बाजे के साथ डिंडी निकालकर ग्राम प्रवेश करवाया ।

तत्पश्चात दोपहर की भोजन प्रसादी देकर अगले गांव पिंपरी सेकम तक बिदाई दी वहां स्थानीय ग्रामीणों द्वारा स्वागत कर जलपान कराया फिर दीप नगर में किशोर पाटिल एवं साथियों द्वारा स्वागत सत्कार कर स्वल्पाहार करवाकर यात्रा को फ़ेकरी ग्राम तक बिदाई दी जहां से परिक्रमा यात्रा ने भुसावल शहर में प्रवेश किया जहां देवीदास वैद्यकर , प्रकाश जायसवाल , राजू सोनवाने , सोनू पाटिल कासवे , बबलू बन्हाटी , एवं शिवसेना के साथियों सहित गहूखेड़ा की गजानन भक्त मंडली महिलाओं ने पदयात्रा में शामिल होकर डीजे की धुन पर थिरकते हुए भुसावल शहर से होकर हाइवे पर स्थित माली भवन पर रात्रि विश्राम करवाया जहां योगेश कूटे द्वारा सभी पदयात्रियों को भोजन प्रसादी कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। सभी पदयात्री उत्साह आनंद के साथ मां तापी के जयकारे लगाते हुए भक्ति गीतों पर झूमते गाते प्रतिदिन औसत 30किमी चल रहे हैं यात्रा संयोजक राजू पाटनकर ने बताया कि यह संपूर्ण परिक्रमा पदयात्रा है जिसमें समुद्र नौका से पार कर पूरी परिक्रमा की जाती है जो उद्गम स्थल से प्रारंभ होकर उद्गम स्थल पर ही समाप्त होती है जो लगातार 64 दिन चलकर पांचवे वर्ष में चल रही है जिसमें वर्तमान समय में 43 भक्त सम्मिलित हैं जिसमें एक बद्रीनाथ से , एक हरिद्वार से चार महाराष्ट्र के धूलिया जिले के माजरोद , जलगांव के निमगव्हाण , अमरावती के धारणी ,  एक नादेड जिले से व एक भंडारा जिले से  पदयात्री शामिल हैं।

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