अभिशाप बनकर  रह गया सीवर लाइन प्रोजेक्ट,सीवर लाइन के लिए तोड़ी गई सड़को पर पैदल चलना मुहाल,

0

मुलताई- ताप्ती सरोवर मे गंदा पानी जाने से रोकने के लिए  लिए, 3 वार्डों में 6 करोड़ 72 लाख रुपए की लागत से बना  सीवर नेटवर्क प्रोजेक्ट पवित्र नगरी के लिए अभिशाप बनकर रह गया है।

सिविल लाइन प्रोजेक्ट के ठेकेदार ने 6 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए 10 करोड़ से अधिक की सीमेंट कांक्रीट रोड तोड़ दी, नगर पालिका परिसर में  ट्रीटमेंट प्लांट के नाम पर बड़ा गड्ढा खोद दिया और लगभग 4 करोड़ का भुगतान लेकर प्रोजेक्ट को अधर में छोड़कर चलता बना। वर्तमान परिषद ने ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव लिया पार्षदों ने कहा एफआईआर दर्ज कराएंगे किंतु चार माह बाद भी ठेकेदार पर ना तो कोई कार्रवाई हुई और ना ही प्रोजेक्ट के लिए तोड़ी गई सड़कों के सुधार के लिए कोई ठोस कार्य योजना हीं बनाई गई।

सबसे बड़ी समस्या प्रोजेक्ट के लिए तोड़ी गई वह सड़के हैं जो बद से बत्तर हो गई है। तोड़ी गई सड़कों का सुधार कार्य भी सीवर लाइन ठेकेदार के जुम्मे था अब बड़ा प्रश्न यह है कि इन टूटी हुई सड़कों का सुधार कार्य कौन करें ,नगर पालिका के पास  इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं है दूसरी ओर तोड़ी गई सड़के आए दिन दुर्घटनाओं का सबब बन रही है, दो पहिया वाहन तो दूर टूटी हुई सड़कों पर पैदल चलना  दुश्वार हो रहा है और वर्षा काल में यह समस्या और भी विकराल रूप धारण कर लेती है।

सीवर लाइन प्रोजेक्ट का उद्देश्य  ताप्ती सरोवर में गंदा पानी जाने से रोकना था। पूर्व परिषद एवं अधिकारियों ने योजना को लेकर बड़े-बड़े सपने दिखाए किंतु भोपाल के टेबल पर बैठकर कंसल्टेंसी द्वारा बनाया गया उक्त योजना का डीपीआर मुलताई नगर के लिए प्रासंगिक है अथवा नहीं यह देखना किसी ने भी आवश्यक नहीं समझा। ठेकेदार ने उक्त कार्य का ठेका 11% बिलों लिया था निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ तो निर्माण की गुणवत्ता ठेकेदार पर निर्भर थी और भुगतान करने वालों ने भी यह जानने का प्रयास नहीं किया  की जो भुगतान हो रहा है इसके अनुरूप कार्य हुआ है अथवा नहीं और ठेकेदार यह कार्य भुगतान लेने के बाद पूर्ण कर पाएगा या नहीं। कुल मिलाकर उक्त योजना बंदर बाट योजना बनकर रह गई है और जनता के करोड़ों रुपए सीवर लाइन में बह गए है।

सीवर लाइन प्रोजेक्ट के लिए शासन से 6 करोड़ 72 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी विभागीय जानकार बताते हैं कि सिवर लाइन ठेकेदार को तीन से चार करोड रुपए का भुगतान किया जा चुका है ,इस स्थिति में योजना की शेष राशि कहां गई इसको लेकर भी ठीक-ठाक जवाब किसी के पास भी नहीं है । पूर्व में तत्कालीन नगर पालिका अधिकारी पर उक्त प्रोजेक्ट की राशि का मद परिवर्तन कर अन्य कार्य में राशि खर्च करने की शिकायत तो हुई किंतु इसका कोई हल नहीं निकला, अब ठेकेदार को कार्य छोड़ें भी लंबा समय हो गया। इस दौरान वर्तमान नगर परिषद को चाहिए था पूर्व में बढ़ाई गई समय सीमा के आधार पर कार्य न करने पर ठेका निरस्त कर ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड करती एवं योजना का उद्देश्य बर्बाद होने और नगर पालिका को करोड़ों का नुकसान  पहुंचाने वाले ठेकेदार पर करवाई कर शेष राशि के संबंध मे जानकारी प्राप्त करती किंतु एक परिषद बैठक में चर्चा के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया ।

एक अनुमान के आधार पर जानकार बताते हैं कि बीते 7 सालों में मुलताई नगर में लगभग 20 करोड़  लागत की सड़के बनाई गई, जिसमें से अधिकांश सड़कें पाइपलाइन एवं सीवरेज पाइप  बिछाने के लिए तोड़ दी गई, विभागीय सूत्रों की माने तो, मात्र सीवर लाइन प्रोजेक्ट के लिए ही 8 किलोमीटर की सड़के तोड़ी गई है। सीवर लाइन और पाइप लाइन के लिए तोड़ी गई सड़के जिनका सुधार कार्य होना अब प्रावधानों के मध्य उलझ कर रह गया है ।

इनका कहना

मैं अभी-अभी आया हूं सीवर लाइन प्रोजेक्ट नस्ती का अध्ययन कर रहा हूं नस्ती अध्ययन के उपरांत ही इस संबंध में  कुछ कह पाऊंगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here