पांडुरना से अजय टावर की रिपोर्ट
पांढुरना:–प्रतिवर्ष पोला पर्व के दूसरे दिन पांढुर्ना में होने वाली विश्व प्रसिद्ध गोटमार इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते स्थगित हो सकती है। सोमवार को एस.डी.एम. कार्यालय में हुई बैठक में अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों ने अपनी राय देते हुए गोटमार मेले को स्थगित किए जाने की बात कही है।
बता दें कि प्रतिवर्ष पोला पर्व के दूसरे दिन कर पर्व पर पांढुर्ना में विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेला आयोजित किया जाता है। जिसमें नदी के बीच में लगे झंडे को बचाने और उसे लाने को लेकर नदी के दोनों ओर से जमकर पथराव होता है इस पथराव में अनेक लोग घायल होते हैं ,और इस गोटमार को देखने के लिए देश विदेश से प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोग पांढुर्णा में जमा होते हैं।किंतु कोरोना को देखते हुए जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की राय है कि इस वर्ष मेला स्थगित किया जाए ।

मेले की बैठक में सभी समितियों के सदस्य हुए शामिल
इस बैठक में प्रशासनिक अधिकारीगण, गोटमार मेला, शांति समिति पांढुरना एवं सावरगांव के सदस्य तथा चंडी माता मंदिर समिति के सदस्य उपस्थित थे। इस बैठक में अधिकांश सदस्यों ने कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण गोटमार मेला स्थगित किए जाने का समर्थन किया। कुछ सदस्यों ने प्रशासनिक अधिकारियों को 17, 18 एवं 19 अगस्त को लाॅकडाउन कराने का सुझाव भी दिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी महामारी के प्रकोप को पहचानने और इस संबंध में अतिरिक्त सावधानी बरतने में सदस्यों की जागरूकता की सराहना की। सोमवार को हुई बैठक मे तहसीलदार राजेश चैरसिया, एस.डी.ओ. एस.पी. सिंह, थाना प्रभारी राजेश चैहान तथा सी.एम.ओ. राजकुमार इवनाती तथा सदस्यों के रूप में सुरेश कावले, दिनेश देशभ्रतार, गणपति बावने, उमेश उरकडे, दिगांबर भांगे, मनोज गुडधे, पिंटू कोल्हे के अलावा अनेक मौजूद थे।

बैठक में किसने क्या कहा
सर्वप्रथम एस.डी.ओ. पुलिस एस.पी. सिंह ने कहा कि बीते 4 माह से लगातार जारी कोरोना प्रकोप के कारण इसके पहले कुछ त्यौंहारों में लाॅकडाउन कराया गया था। आगामी 19 अगस्त को होने जा रहे विश्वप्रसिद्ध गोटमार मेले को भी पांढुरना की जनता को संक्रमण के फैलाव से रोकने के लिए बैठक में मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने सुझाव मांगे। इस पर दिनेश देशभ्रतार ने कहा कि हम पांढुरना वासी सबसे पहले कोरोना रोकना चाहते है। इसलिए इस बरस हम गोटमार नहीं खेलेंगे बल्कि सुरेश कावले के यहां जो झंडा रूपी पलाश का पेड रहेगा उसकी शांति से पूजा अर्चना करेंगे और सबसे बडी बात यह है कि झंडे को नदी में गाडेंगे नहीं। अन्य सदस्य उमेश उरकडे ने इस बात में सुधार करते हुए कहा कि सुरेश कावले के घर में रखा जाने वाला झंडा पूजा अर्चना उपरांत सावरगांव पुलिया या और किसी स्थान पर सावरगांव वालों ने पांढुरना वालों को सौंपना चाहिए। इसके बाद यह झंडा चंडी माता के मंदिर में लाकर औपचारिकताएं पूरी की जाए। कुछ सदस्यों ने इस पर बात भी सहमती जतायी।
जाम नदी में नहीं गडेगा झंडा

प्रशासनिक अधिकारियों ने इस बात पर संदेह व्यक्त किया कि सुरेश कावले के घर से झंडा पुलिया पर लाने और यहां से चंडी माता के मंदिर में ले जाने के दौरान शरारती तत्व छुप कर पथराव कर सकते है। इस पर भी कुछ सदस्यों ने सहमती जतायी। सुरेश कावले ने बताया कि कुछ बरस पहले जंगल से झंडा लाते समय पुलिस ने गाडी रोकी थी एैसा दोबारा नहीं होना चाहिए। मनोज गुडधे कहा कि पांढुरना के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए गोटमार स्थगित की जाने पर हमें कोई आपत्ति नहीं है पर प्रशासन ने प्रतिकात्मक रूप से पूजा की अनुमति प्रदान करना चाहिए।
तहसीलदार राजेश चैरसिया ने कहा कि पोला त्यौंहार भी सार्वजनिक तौर पर नहीं मनाया जाएगा। इस में तोरण और बैलों की लंबी कतारें और लोगों की भीड नहीं होगी। यह त्यौंहार लोगों ने अपने अपने घर ही मनाना चाहिए। थाना प्रभारी राजेश चैहान ने कहा कि पूरे देश में समस्त त्यौंहार कोरोना की चपेट में आ चुके है। हमे सबसे पहले अपने स्वास्थ्य और देश को ध्यान में रखकर अन्य गतिविधियिां करनी होगी।
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