संजय द्विवेदी, बैतूल

बैतूल -जिन शिक्षा कर्मियों की ड्यूटी के दौरान कोविड-19 से मृत्यु हुई है ऐसे संविदा कर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी, उक्त बात जिले के प्रभारी बनने के बाद पहली बार बैतूल आए प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री, इंदरसिंह परमार ने स्थानीय सर्किट हाउस मे हम इंडिया न्यूज़ प्रतिनिधि से हुई संक्षिप्त मुलाकात में कहीं ।
उनसे जब यह पूछा गया कि ,मप्र में शिक्षा विभाग के शिक्षाकर्मियों सहित अन्य कितने कर्मियों की मौत कोरोना से हुई है तथा ऐसे कर्मियों की अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी, की नहीं है? इसके जवाब में मन्त्री परमार ने कहा कि, अभी तक एक्जेक्ट आंकड़े उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। लेकिन जिन शिक्षा कर्मियों की ड्यूटी के दौरान कोविड-19 से मृत्यु हुई है ,ऐसे संविदा कर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। साथ ही उन्होंने कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना भी लागू करने जाने की जानकारी दी। स्कूल शिक्षा मंत्री, ने एक सवाल के जवाब में कहा कि,

अब शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं होने देंगे।
वर्तमान समय में स्कूल एक व्यवसाय के रूप में विकसित होने लगा है, लेकिन अब शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं होने देंगे। किसी समाज द्वारा समाज आधारित स्कूल खोला जाये, वहां तक तो ठीक है, लेकिन शिक्षा का बाजारवाद कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य विद्यार्थी है और उद्देश्य शिक्षा के स्तर को सुधारना है। निजी स्कूलों की फीस को लेकर पालको और स्कूल संचालकों के बीच उत्पन्न वैमनस्यता पर पूछे सवाल पर उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं ऐसी स्थिति में 2017 के फीस एक्ट नोटिफि केशन के आधार पर वर्ष 2020 दिसंबर में कोर्ट ने जो आदेश ट्यूशन फीस को लेकर दिया है ,वह हर हाल में लागू किया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है। अगर स्कूल ट्यूशन फीस में बढ़ोत्तरी करते है तो पिछले वर्षों की तुलना में 10 फीसदी ही बढ़ा कर ले सकते हैं, उन्हें फीस में वृद्वि हेतु डीईओ, कलेक्टर से परमिशन लेना होगा। वहीं इससे ज्यादा अगर फीस बढ़ाते हैं तो, राज्य शासन से परमिशन लेना अनिवार्य है। और अगर निजी स्कूल नियमों का पालन नहीं करते हैं तो इसके लिए शासन द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर की समिति बनाई गई है, जहां अभिभावक द्वारा शिकायत होने पर त्वरित निराकरण किया जाएगा। समेकित स्कूल योजना की स्थिति के बारे में किए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस योजना को पिछली कांग्रेस सरकार में रोक दिया गया था, जिससे यह योजना समय पर शुरू नहीं हो सकी।

सीएम राइज योजना में प्रदेश के 9200 स्कूल चिन्हित
मप्र सरकार की सीएम राइज योजनांतर्गत प्रदेश के 313 ब्लॉक में लगभग 9200 स्कूलों को चिन्हित किया गया है जहां बेहतर शैक्षणिक व्यवस्था के साथ-साथ सभी सुविधा होगीं, ताकि गरीब के बच्चे भी अच्छी पढ़ाई कर सके।
यहां कला, योग, स्मार्ट क्लास का संचालन किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने के गुण भी सिखाये जाएं और इसके लिए आवश्यक सामग्री की व्यवस्था शासन द्वारा की जाएगी । फिर इन स्कूलों से आसपास के स्कूलों को भी जोडा़ जाएगा, जिससे शिक्षा के स्तर में सुधार हो सके। शिक्षक संघों की मांग वर्ष 2006 व उसके बाद नियुक्त अध्यापक शैक्षिक संवर्ग की क्रमोन्नति, दो वर्ष से रूकी दोनों वेतनवृद्धि व महंगाई भत्ता तथा जुलाई 2018 से दिसम्बर के मध्य क्रमोन्नति पश्चात् सातवां वेतनमान देने पर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि मामला अभी कोर्ट में है, इसलिए इस संबंध में अभी कुछ कह नहीं सकता, परंतु शिक्षकों की सभी लंबित मांगों को नियमानुसार शीघ्र निराकरण करने का प्रयास करूंगा। इसके अलावा अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन बहालीं पर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा पेंशन बहाल किए जाने के संबंध में जल्द उचित निर्णय लिया जायेगा।
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