मुलताई- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अब डिजिटल एक्सरे हो सकेंगे। इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने साडे सात लाख रुपए की लागत से ,मुलताई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की पुरानी मैनुअल एक्स रे मशीन को, सीआर सिस्टम से जोड़ दिया है।
बीएमओ डॉक्टर पल्लव अमृत फल्ले ने बताया कि, उक्त सीआर सिस्टम जिसमें पिंटर एवं स्किनर है को, साडे सात लाख रुपए की लागत से, जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से खरीदा गया है। यह साढे सात लाख रुपए की राशि विधायक निधि से दी गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ रेडियोग्राफर पद पर तैनात, पुष्पलता आठनेरे ने बताया कि, अब पुरानी एक्स रे मशीन मैनुअल से डिजिटल हो गई है । सीआर सिस्टम जिसमें स्किनर एवं प्रिंटर शामिल होता है जुड़ जाने से अब एक्सरे का डिजिटल रिजल्ट होगा जो कि मैनुअल की तुलना में ज्यादा बेहतर है।

क्या मिल पाएगा डिजिटल एक्सरे का लाभ
मुलताई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे मशीन लंबे समय से किंतु कभी एक्स रे मशीन में तकनीकी खराबी तो कभी एक्स रे मशीन में लगने वाली फिल्म के अभाव के चलते पूरे वर्ष इस एक्सरे मशीन का नागरिकों पर लाभ नहीं मिल पाता। अधिकांश समय यह मशीन बंद ही होती है अब जबकि इस पुरानी मशीन में सीआर सिस्टम जोड़कर इसे डिजिटल बना दिया गया है। क्या पूरे वर्ष नागरिकों के लिए यह सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी, क्या स्वास्थ्य विभाग एक्सरे मशीन में लगने वाली फिल्म भी आवश्यकता के अनुसार उपलब्ध करा पाएगा क्योंकि डिजिटल एक्सरे हो जाने के बावजूद भी स्वास्थ्य केंद्र में फिल्म का अभाव बना हुआ है रेडियो ग्राफर पुष्पलता आठनेरे ने बताया कि डिजिटल एक्सरे मशीन में 8 x10 की फिल्म लगना है अभी तो फिल्म है किंतु कम है फिल्म की कमी के कारण डॉक्टर्स फिल्म निकालने के बजाय सिस्टम में आकर देख लेते हैं।

स्वास्थ सुविधाओं पर लाखों खर्च नतीजा सिफर
मुलताई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बात करें तो बीते 10 वर्षों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किए जाने के प्रयास बहुत अधिक सफल नहीं हो सके ।लाखों रुपए की लागत से खरीदी गई स्वास्थ्य सामग्री को, कुछ ही समय बाद खोजना कठिन हो जाता है । 3 वर्ष पूर्व विधायक निधि से एंबुलेंस भी खरीदी गई थी 3 वर्षों में इस एंबुलेंस का परिवहन रजिस्ट्रेशन तक नहीं हो सका था। बगैर परिवहन रजिस्ट्रेशन के दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई, और वर्तमान समय में यह एंबुलेंस महाराष्ट्र बरुड के निकटवर्ती नगर सिंदूर जनाघाट में खड़ी हुई है। इसी प्रकार मरीजों की सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य केंद्र में एसी सिस्टम लगाया गया था। मरीजों के कक्षों में लगाए गए एसी की खाली जगह तो दिखाई देती हैं किंतु पूरे ऐसी दिखाई नहीं देते। यह एसी कितने खरीदे गए थे ,और कितने, स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध है ,इसकी जानकारी किसी को नहीं । यही स्थिति डिजिटल कैमरा की भी है। पिछले 5 वर्षों में कितनी बार डिजिटल कैमरे लगाए गए, कहां कहां लगाए गए, इस में कितनी राशि व्यय की गई, इसकी जानकारी किसी को नहीं है ।अब भी यह डिजिटल कैमरे काम कर रहे हैं अथवा नहीं इसको लेकर भी अनेक चर्चाएं व्याप्त है। बड़ा प्रश्न यह है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर खर्च किए जाने वाले लाखों रुपए आम व्यक्तियों के स्वास्थ्य लाभ का आधार बन सके, इसके लिए ठोस प्रयास कब होंगे।
इनका कहना
पुरानी एक्स-रे मशीन को सीआर सिस्टम से जोड़कर डिजिटल एक्स-रे में बदला गया है । जिसे साडे सात लाख रुपए की लागत से, जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से खरीदा है।
बीएमओ डॉक्टर पल्लव अमृत फल्ले
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