बैतूल से संजय द्विवेदी
बैतूल। एक दिन सभी को भगवान के घर जाना है लेकिन भगवान के समक्ष ही कोई देह त्याग दे..यह बिरला संयोग ही है। ऐसी ही घटना आज बैतूल में हुई जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक विनोद डागा ने सुबह जैन मंदिर में ही देह त्याग दी।
बैतुल ।। बैतुल विधान सभा के पूर्व विधायक एवं पूर्व कांग्रेस कोषाध्यक्ष विनोद डागा का आज सुबह ह्रदय घात के चलते दुखद निधन हो गया । मिलनसार स्वभाव के धनी , हँसमुख श्री डागा के निधन के समाचार मिलते ही समूची कांग्रेस पार्टी सहित राजनीतिक गलियारों और बैतुल की जनता में शोक की लहर व्याप्त हो गयी । श्री डागा ने पूर्व कांग्रेस विधायक रहते हुए बैतुल के विकास में जहां अमिट छाप छोड़ी तो वहीं उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष के पद पर रहते हुए अपने कर्तव्यों का सफल निर्वहन भी किया था । श्री डागा राजनीतिक क्षेत्र में एक जाना माना नाम था । जिनके अनायास परलोक गमन से हुई क्षति की शायद ही भरपाई हो । आज सुबह वे हमेशा की तरह पूजन करने दादा वाड़ी मंदिर गए हुए थे । जहां अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें उपचार के लिए निजी अस्पताल ले जाया गया था । लेकिन उपचार के दौरान ही उन्होंने अंतिम सांस ली । खबर मिलते ही डागा हाउस एवम् चिकित्सालय में लोगो के आने जाने का सिलसिला शुरू हो गया । श्री डागा के आसामयिक निधन को एक राजनैतिक क्षति के रूप में देखा जा रहा है । क्योंकि अपने सफल राजनैतिक जीवन मे उनका लोगो से हमेशा जीवंत संपर्क रहा । इस व्यक्तित्व में ये खासियत थी कि वे कितने भी व्यस्त हो आम लोगो के सुख दुख में वे सबसे सामने खड़े होकर अपनी जिम्मेदारी निभाते थे । ऐसे सफल , जिम्मेदार , गंभीर , मिलनसार व्यक्तित्व को शत शत नमन है ।
बैतूल। एक दिन सभी को भगवान के घर जाना है लेकिन भगवान के समक्ष ही कोई देह त्याग दे..यह बिरला संयोग ही है। ऐसी ही घटना आज बैतूल में हुई, जब कांग्रेस के पूर्व कोशाध्यक्ष और पूर्व विधायक विनोद डागा ने सुबह जैन मंदिर में ही देह त्याग दी।
जानकारी के अनुसार आज गुरूवार की सुबह 9.30 बजे प्रतिदिन की तरह विनोद डागा दादाबाडी स्थित जैन मंदिर गए। यहां पूजन-ध्यान करते समय ही पता नहीं क्या हुआ और वे अचेत हो गए। इस दौरान मंदिर में ही पूजन के लिए गए विनय गोठी ने उन्हें देखा तो उनको तुरंत राठी अस्पताल लेकर आए। जहां जांच के बाद डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया।इस दौरान उनके बड़े पुत्र नीरज मुंबई तो बैतूल के विधायक निलय डागा भोपाल मीटिंग में थे।
दुखद लेकिन अभूतपूर्व

72 साल के विनोद डागा अपने हंसमुख स्वभाव और जीवंत संबंधों के कारण सबके चहेते थे और उनकी बाडी फिटनेस से वो उम्र से दस साल कम ही नजर आते थे। प्रदेश के उपचुनाव में उन्होंने पूरी मेहनत से कांग्रेस के पक्ष में प्रचार किया था। किसी तरह की कोई बीमारी भी उनको नहीं थी।
वैसे तो किसी का भी जाना, उनके मानने वालों के लिए दुखद होता है लेकिन जिस जैन धर्म के वे अनुयायी थे उसमें देह त्यागने की एक पवित्र परंपरा है। ऐसे में मंदिर में भगवान महावीर के समक्ष देह त्यागना और आत्मा को परामात्मा से मिलाने को भी एक अभूतपूर्व घटना के रूप में देखा जा रहा है।
एक साल पहले आज ही निकाली थी चुनरी यात्रा
यह भी संयोग है कि ठीक एक साल पहले 12 नवम्बर 2019 को डागा परिवार ने ताप्ती मैया पर चुनरी चढाने के लिए यात्रा निकाली थी। आज उन्हीं पुरानी फोटो को सुबह फेसबुक ने याद दिलाया था और आज का दिन अब इस दुखद लेकिन अभूतपूर्व संयोग की यादों से जुड़ गया।
दिग्विजय के बहुत करीब थे विनोद डागा
वैसे तो कांग्रेस में विनोद डागा की पकड़ गांधी परिवार तक थी और कई बार उनका नाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए भी उछला। लेकिन वे प्रदेश कोषाध्यक्ष तक ही पहुंचे। प्रदेश में दिग्विजय सिंह के वे बहुत करीब थे और अब कमलनाथ से भी उनकी ट्यूनिंग ठीक हो गई थी। एक बार विधायक रहे विनोद डागा ने पिछले चुनाव में बेटे निलय को आगे किया और निलय ने बाजी मारी। लेकिन निलय के लिए अपने पिता के अतिरिक्त एक राजनैतिक गुरू की भूमिका निभाने वाले का बीच सत्र में अचानक जाना एक बड़ा झटका है।
बहुत याद आएंगे सेठ जी
विनोद डागा भले ही राजनीति के पक्के खिलाड़ी थे लेकिन उनके धुर विरोधियों से भी उनके संबंध बहुत अच्छे थे। उनके ठहाके, राजनीति पर करारी टिप्पणियां के साथ मठा का गिलास बहुत याद आएगा। झक सफेद कुरते-पायजामे में मुंह में पान चबाते विनोद डागा हर छोटे बड़े की शादी से लेकर श्रद्धांजलि तक हाजिर रहते थे। इसलिए उनका जब समाचार जिसको मिला वो एक बारगी यकीन नहीं कर पाया। राठी हॉस्पिटल के सामने उनके प्रशंसकों की भीड़ लग गई।–न्यूज़ 100 से साभार
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